गुरुवार

संचार की अवधारणा (Concept of Communication)

संचार एक अनवरत प्रक्रिया है। इसकी उत्पत्ति पृथ्वी पर मानव सभ्यता के साथ हुई है। प्रारंभिक युग में मानव अपनी भाव-भंगिमाओं और प्रतीक चिन्हों के माध्यम से संचार करता थाकिन्तु आधुनिक युग में सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में क्रांतिकारी अनुसंधान के कारण संचार बुलन्दी पर पहुंच गया है। रेडियोटेलीविजनसिनेमाटेलीफोनमोबाइलफैक्सइंटरनेटई-मेलवेब साइट्सटेलीप्रिन्टरइंटरकॉमटेली-कान्फ्रेंसिंगकेबलसमाचार पत्रपत्रिका इत्यादि संचार के अत्याधुनिक माध्यम हैं। संचार माध्यमों को अत्याधुनिक बनाने में युद्धों की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। 20 वीं शताब्दी के मध्य तक संचार को स्वतंत्र विषय नहीं माना जाता था। राजनीतिशास्त्रसमाजशास्त्रमानवशास्त्र तथा मनोविज्ञान के विशेषज्ञ अपने विषय की जरूरत के मुताबिक अध्ययन करते थे। हालांकिइसकी विशिष्टता का एहसास दुनिया को प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) के  बाद होने लगा था। एक स्वतंत्र विषय के रूप में इसके अध्ययन की आवश्यकता तब महसूस की गयीजब द्वितीय विश्व युद्ध (1939-1945) के दौरान जर्मनी के तानाशाह शासक हिटलर के प्रचार मंत्री गोयबल्स ने कहना शुरू किया- 'किसी झूठ को बार-बार दोहराओ तो सच हो जाता है'। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद पूरी दुनिया दो गुटों में विभाजित हो गयी थी। एक गुट का साम्राज्यवादी अमेरिका तथा दूसरे गुट का साम्यवादी सोवियत संघ नेतृत्व करने लगा। दोनों महाशक्तियों के बीच विदेशी उपनिवेश से मुक्त होने वाले भारत जैसे कुछ तीसरी दुनिया के देश थेजिन्हें अपने गुट में शामिल करने के लिए महाशक्तियों के बीच होड़ मची थी। इसके लिए दोनों अपने सैन्य बलों को अत्याधुनिक हथियारों (नाभिकीय व जैविक बमों) तथा खुफिया तंत्रों को अत्याधुनिक संचार माध्यमों से लैस करने में लगे थे। इसी दौरान अमेरिकी प्रतिरक्षा विभाग ने इंटरनेट का आविष्कार किया। सोवियत संघ के विघटन के बाद अमेरिका ने अपने इंटरनेट का दरवाजा दुनिया को उपयोग करने के लिए खोल दिया हैजो वर्तमान समय में सबसे त्वरित गति का संचार माध्यम है।

संचार  ( Communication) : संचार शब्द का सामान्य अर्थ होता है- किसी सूचना या संदेश को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुंचाना या सम्प्रेषित करना। शाब्दिक अर्थों में संचार अंग्रेजी भाषा के Communication शब्द का हिन्दी रूपांतरण है। जिसकी उत्पत्ति लैटिन भाषा के Communis शब्द से हुई है, जिसका अर्थ होता है सामान्य (Commun), अर्थात्... संचार शब्द से तात्पर्य सूचना देने वाले संचारक (Sender) और सूचना ग्रहण करने वाले प्रापक (Receiver) के मध्य उभयनिष्ठता स्थापित करने से है। इससे संचारक और प्रापक के मध्य समझदारी व साझेदारी विकसित होती है। दूसरे शब्दों में कहें तो संचार एक ऐसा प्रयास है जिसके माध्यम से एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति के विचारों, भावनाओं एवं मनोवृत्तियों में सहभागी बनता है। संचार का आधार 'संवाद' और सम्प्रेषण है। विभिन्न विधाओं के विशेषज्ञों ने संचार को परिभाषित करने का प्रयास किया है, लेकिन किसी एक परिभाषा पर सर्वसम्मत नहीं बन सकी है। कुछ प्रचलित परिभाषाएं निम्नलिखित हैं : 

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·         ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी के अनुसार- विचारों, जानकारी वगैरह का विनिमय, किसी और तक पहुंचाना या  बांटना, चाहे वह लिखित, मौखिक या सांकेतिक हो, संचार है।
·         चार्ल्स ई. ऑसगुड के अनुसार- आम तौर पर संचार तब होता है, जब एक सिस्टम या स्रोत किसी दूसरे या गंतव्य को विभिन्न प्रकार के संकेतों के माध्यम से प्रभावित करें ।  
·         लुईस ए. एलेन के अनुसार- संचार उन सभी क्रियाओं का योग है जिनके द्वारा एक व्यक्ति दूसरे के साथ समझदारी स्थापित करना चाहता है। संचार अर्थों का एक पुल है। इसमें कहने, सुनने और समझने की एक व्यवस्थित तथा नियमित प्रक्रिया शामिल है।
·         कैथ डैविस के अनुसार- एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को सूचना भेजने तथा समझने की विधि है। यह आवश्यक तौर पर लोगों में अर्थ का एक पुल है। पुल का प्रयोग करके एक व्यक्ति आराम से गलत समझने की नदी को पार कर सकता है।
·         ऐलन के अनुसार- संचार से तात्पर्य उन समस्त तरीकों से है, जिनको एक व्यक्ति अपनी विचारधारा को दूसरे व्यक्ति की मस्तिष्क में डालने या समझाने के लिए अपनाता है। यह वास्तव में दो व्यक्तियों के मस्तिष्क के बीच की खाई को पाटने वाला सेतु है। इसके अंतर्गत् कहने, सुनने तथा समझने की एक वैज्ञानिक प्रक्रिया सदैव चालू रहती है।
·         मैकडेविड और हरारी के अनुसार- मनोवैज्ञानिक दृष्टि से संचार से तात्पर्य व्यक्तियों के बीच विचारों और अभिव्यक्तियों के आदान-प्रदान से है।
·         क्रच एवं साथियों के अनुसार- किसी वस्तु के विषय में समान या सहभागी ज्ञान की प्राप्ति के लिए प्रतीकों का उपयोग ही संचार है। यद्यपि मनुष्यों में संचार का महत्वपूर्ण माध्यम भाषा ही है, फिर भी अन्य प्रतीकों का प्रयोग हो सकता है।
उपरोक्त परिभाषाओं के आधार पर कहा जा सकता है कि किसी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति अथवा समूह को कुछ सार्थक चिह्नों, संकेतों या प्रतीकों के माध्यम से ज्ञान, सूचना, जानकारी व मनोभावों का आदान-प्रदान करना ही संचार है।

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यह चौथी सत्ता ब्लाग के मॉडरेट द्वारा लिखित पुस्तक भारत में जनसंचार एवं पत्रकारिता का संपादित अंश है। उक्त पुस्तक को मानव संसाधन विकास मंत्रालय की विश्वविद्यालय स्तरीय पुस्तक निर्माण योजना के अंतर्गत हरियाणा ग्रंथ अकादमी, पंचकूला ने प्रकाशित किया है। पुस्तक के लिए 0172- 2566521 पर हरियाणा ग्रंथ अकादमी तथा 09418130967 पर लेखक से सम्पर्क किया जा सकता है।)


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